हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है। दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है और इसकी तैयारियां धनतेरस से पहले ही शुरू हो जाती हैं। धनतेरस के दिन लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति खरीदना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन लक्ष्मी पूजा के लिए मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं कौन सी हैं ध्यान रखने योग्य वो बातें।
पूजा के दौरान पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर हो मूर्ति का मुख
मान्यताओं के अनुसार दिवाली की पूजा के दौरान लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों को इस तरह से स्थापित करना चाहिए कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर हो।
अलग-अलग खरीदें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली पूजा के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्तियां खरीदनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन लक्ष्मी और गणेश जी की संयुक्त मूर्ति नहीं खरीदनी चाहिए।
खड़ी मुद्रा में न खरीदें भगवान की मूर्ति
दिवाली पूजा में लक्ष्मी-गणेश जी की ऐसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए जिसमें वे बैठे हुए हों। ऐसा माना जाता है कि खड़ी मुद्रा में भगवान की मूर्ति उनके उग्र स्वभाव को दर्शाती है, इसलिए दिवाली पर बैठी मुद्रा की मूर्ति की पूजा करें।
गणेश जी की मूर्ति में उनकी सूंड बाईं ओर हो
गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाईं ओर हो। साथ ही गणेश जी के साथ उनका वाहन भी चूहे का ही होना चाहिए।
गणेश जी की मूर्ति के हाथ में हो मोदक
दिवाली पर भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए जिसमें वह अपने हाथ में मोदक धारण किए हों। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
लक्ष्मी जी की मूर्ति में उनके हाथ से हो रही धन की वर्षा
दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति खरीदनी चाहिए जिसमें उनके हाथ से धन की वर्षा हो रही हो। लक्ष्मी जी के ऐसे ही रूप को धन लक्ष्मी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन धन लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
हाथी या कमल पर विराजमान हो मां लक्ष्मी की मूर्ति
दिवाली पूजा में हाथी या कमल पर विराजमान देवी लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करना शुभ माना जाता है।
मिट्टी से बनी हो लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली के दिन मिट्टी से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप अष्टधातु, पीतल या चांदी की मूर्ति की भी पूजा कर सकते हैं।
टूटी या खंडित मूर्ति की नहीं करनी चाहिए पूजा
ध्यान रहे कि दिवाली पूजा में टूटी या खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए। टूटी और खंडित मूर्ति की पूजा करना अशुभ माना जाता है और इससे घर में दरिद्रता आती है।