लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाई। इसमें ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, बिजली विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल हुए। इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि बिजली आपूर्ति सामान्य है। पिछले 24 घंटों में 1332 संविदाकर्मियों को बर्खास्त किया गया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो हजारों को बर्खास्त किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने शाम 6 बजे तक अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सभी अपने काम पर नहीं लौटे तो बड़ी कार्रवाई होगी और अगर लौट आए तो कोई कार्रवाई नहीं होगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिजली
आपूर्ति सामान्य है। उच्च न्यायालय ने नोटिस दिया कि ये जनता को परेशान करने
वाली हड़ताल है। राष्ट्रहित के खिलाफ है। अवमानना का नोटिस भेजा गया है। हमारी
प्रबंधन की ओर से सभी सदस्यों को उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भेजी गई है। आवश्यक
सेवा को बाधित करना ठीक बात नहीं है। उन्होंने कहा, 22 कर्मचारियों
पर एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (एस्मा) के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्हें
जेल भेजा जाएगा।
कानून हाथ में लेने वालों पर होगी कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हड़ताल को खत्म करने के लिए कहा गया। घाटे के
बावजूद बोनस देना संभव नहीं है और ऐसी मांग करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून
को हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई होगी। जनता ने बिजली के मुद्दे पर सहयोग किया
है। उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सोशल मीडिया पर हड़ताल की अपील की जा रही है
और ऐसे संदेश प्रचारित किए जा रहे हैं। ये राष्ट्रीय संपत्ति है, किसी की निजी संपत्ति नहीं है।
एके शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 28,000 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। मौसम के चलते मांग आधी
है। तमाम बिजली संगठन हड़ताल से अलग हैं, जिससे बिजली
आपूर्ति व्यवस्थित है। जिन संगठन के कर्मचारी बाधा पैदा कर रहे हैं, उन्हें नौकरी से
हटाया जा रहा है। चाहे कोई जन्म स्थान में हो, नदी में हो, जंगल में हो, आकाश में हो या
पाताल में... हम खोज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हड़ताल पर उच्च न्यायालय ने
गंभीरता से रोक लगाने की बात कही है, लेकिन अभी भी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के लोग मान नहीं रहे हैं। दुर्भाग्य का
विषय है। हाईकोर्ट ने अवमानना का नोटिस दे दिया है।
हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि कुछ लोगों ने
कानून अपने हाथ में ले लिया था। ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है।
हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं। बिजली विभाग में अभी तक एक लाख करोड़ रुपये का
घाटा चल रहा है। 80 हजार करोड़ रुपये का बैंक का लोन चल रहा है। पांच साल से बोनस
नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि संविदाकर्मी और आउटसोर्सिंग की नौकरी पक्की नहीं
होती। अगर चार घंटे में कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो इन सभी को सेवा को समाप्त कर
दिया जाएगा। एके शर्मा ने कहा, हम अभी भी
हड़ताली कर्मचारियों से साथ बात करने के लिए तैयार हैं।