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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 21 Jul 2022 1:30 pm IST

मनोरंजन

आनंद बख्शी जयंती: सदाबहार गीतकार के वो 5 सदाबहार गानें, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता...


उस्ताद आनंद बख्शी के जैसा कोई दूसरा गीतकार नहीं हो सकता। उन्होंने प्रेम, क्रोध और रोमांस की भावनाओं को गानों के रूप में खूबसूरती से बयां किया और आज वही गानें इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के रत्न बन गए हैं। आज उनकी जयंती के खास मौके पर हम लेकर आए हैं आनंद बख्शी की ओर से लिखे उन 5 ऑइकोनिक गानों की लिस्ट, जो आपको पुरानी यादों में वापस ले जाएंगे।

दो लफ़्ज़ों की है

1979 की आइकॉनिक फिल्म द ग्रेट गैंबलर की ट्रैकलिस्ट में फीचर होने वाला गाना दो लफ्जों की है को फिल्म के मेन एक्टर अमिताभ बच्चन ने आशा भोंसले और शरद कुमार के सहयोग से गाया था। आनंद बख्शी की ओर से लिखे गए गीत के बोल इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि जीवन प्यार के बारे में है। अपनी रिलीज के लगभग 5 दशक बाद भी दो लफ़्ज़ों की है भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री के सदाबहार गीतों में से एक है।

अच्छा तो हम चलते हैं

आन मिलो सजना में राजेश खन्ना और आशा पारेख की सिजलिंग केमिस्ट्री को कैद करते हुए, अच्छा तो हम चलते हैं एक हिट रोमांटिक नंबर है जिसे सदाबहार किशोर कुमार और कोकिला लता मंगेशकर ने गाया है। आनंद बख्शी द्वारा लिखित अच्छा तो हम चलते हैं दो प्रेमियों के बीच एक नए रिश्ते की कड़वी-मीठी केमिस्ट्री को दर्शाता है।

प्यार दीवाना होता है

म्यूजिक उस्ताद आरडी बर्मन की धुन पर बनाया गया, प्यार दीवाना होता है को किशोर कुमार ने गाया है। आनंद बख्शी का यह रोमांटिक गाना 1971 की क्लासिक हिंदी फिल्म कटि पतंग का है।

ये शाम मस्तानी

ये शाम मस्तानी फिल्म कटी पतंग का एक और सदाबहार गाना है। एक बार फिर किशोर कुमार द्वारा गाया गया गाना एक क्लासिक गाना है।

आज मौसम बड़ा बेइमान है

आज मौसम बड़ा बेइमान है में 1973 की फिल्म लोफर में धर्मेंद्र और मुमताज की क्लासिक केमिस्ट्री को दिखाया गया है। प्रतिष्ठित फिल्म का म्यूजिक लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने तैयार किया था। भावपूर्ण गीत आनंद बख्शी द्वारा दिए गए थे।